वो ख्वाबों की बातें थी
ख्वाब गये सो बात गयीं,
पर अन्तरमन एक निगौड़ा
याद करे है बात वही/
ख्वाब थे या कोई पंछी,
पास गये कि गये दू र वो /
या आशियाने थे वो रेत के
छू ना चाहा कि हुए चू र वो /
ख्वाब तो बस यू ही आते हैं, नीन्द गयी बस याद रहीं
ख्वाब गये सो बात गयीं,
पर अन्तरमन एक निगौड़ा
याद करे है बात वही/
ख्वाब थे या कोई पंछी,
पास गये कि गये दू र वो /
या आशियाने थे वो रेत के
छू ना चाहा कि हुए चू र वो /
ख्वाब तो बस यू ही आते हैं, नीन्द गयी बस याद रहीं
वो ख्वाबों की बातें थी, ख्वाब गये सो बात गयीं /
आज वही फिर याद आते हैं
फिर से मन मायू स हुआ।
सिर्फ ख्वाब नही कुछ खास थे,
मायू सी में महसू स हुआ।
काश के वो अपने होते, यादों में नही तो होते साथ अभी।
पर,
वो ख्वाबों की बातें थी, ख्वाब गये सो बात गयीं /
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